Wednesday, June 14, 2017

पूर्णतः सत्य वचन….हमारा रा.स्व.सं से कोई विरोध नहीं है..परन्तु ये भी सत्य है की संघ का वेद...

पूर्णतः सत्य वचन….हमारा रा.स्व.सं से कोई विरोध नहीं है..परन्तु ये भी सत्य है की संघ का वेद प्रचार को लेकर कोई एजेंडा या कार्यक्रम नहीं है… बार बार मोदी जी कहते है की हमारी सभ्यता 5000 वर्ष पुरानी है..इसका अर्थ यही है संघ भी वैदिक सभ्यता के बारे में कुछ नहीं जानता। वैदिक साहित्य, दर्शन,उपनिषद,व्याकरण को लेकर जितना कार्य आर्य जगत के सन्यासी गुरुकुल कर रहे है उसका सहस्त्रांश भी संघ के खाते में नहीं है.आज अग्निव्रत जी का ऐतरेय ब्राहाण के वैज्ञानिक भाष्य सदृश कार्य किसी हिन्दू संगठन की सोच से बाहर है….भैया जी जोशी कह रहे है हिन्दू समाज द्वारा साईं पूजा हिन्दू दर्शन है… फिर कब्र,दरगाह,सैय्यद की चादर और मस्जिद को लेकर विरोध क्यों है..मान लो हमने विधर्मियों की चुनौती को निर्मूल कर भी दिया फिर भी क्या हिन्दू एकता संभव है…??? कदापि नहीं..ऐसी एकता खोखली होगी.. क्योंकि वेद ज्ञान बिना खींचातानी ही रहेगी… केवल और केवल वेद ही हमारे विश्व और समाज को एकता के सूत्र में बांध सकता है…


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