Sunday, March 22, 2015

याज्ञवल्क्य ने भी धर्म के नौ (9) लक्षण गिनाए हैं: अहिंसा सत्‍यमस्‍तेयं शौचमिन्‍द्रियनिग्रह:। दानं...

याज्ञवल्क्य ने भी धर्म के नौ (9) लक्षण गिनाए हैं:


अहिंसा सत्‍यमस्‍तेयं शौचमिन्‍द्रियनिग्रह:।

दानं दमो दया शान्‍ति: सर्वेषां धर्मसाधनम्‌।।

(अहिंसा, सत्य, चोरी न करना (अस्तेय), शौच (स्वच्छता), इन्द्रिय-निग्रह (इन्द्रियों को वश में रखना), दान, संयम (दम), दया एवं शान्ति)

…अब क्या आर्यो के अलावा इन्हें और कोई मानता है?, और मानता और पालन करता है तो वह बेशक आर्य है।




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