आर्यो चेत जाओ अपने धर्म को फैलाना है तो यज्ञ आदि और धर्म से सम्बंधित कार्यक्रमो में जितना अधीक हो जाएँ। क्योकि आज मुसलमान और ईसाइयो के बढ़ने का कारण यही है की वह अपने मत पर कट्टर हैं। चाहे कुछ भी हो जाए वह अपने कार्यक्रमो में जाना नहीं छोड़ते।
आप लोग छोड़ोगे तो स्वयं समाप्त हो जाओगे किसी मुल्ले को जरुरत नहीं आप लोगो को समापत करने की।
आर्यो सनातन धर्म को बढ़ाना है तो कम से कम अपने आस पास होने वाले कार्यक्रमो में अवश्य जाएँ और अपने साथियो को भी ले जाएँ अन्यथा आपके इन साथियो को कोई और ले जाएगा और आपके पास पछताने के अलावा कुछ शेष नहीं रह जाएगा।
धर्म नहीं बढ़ा तो अधर्म अवश्य बढ़ेगा जो काम करेगा वही बचेगा। इसलिए सत्य को जानो और थोड़ा समय निकालो धर्म के लिए।
मैं अपना कार्य करता रहूंगा आप भी साथ चलोगे तो मेरा बल और बढ़ जाएगा। यही जीत हमारी होगी की जितनी संख्या हम अपनी बढ़ा लें उतनी जल्दी सफलता हमको मिलेगी। यह मत देखो की कोई क्या कर रहा है यह देखो की आप स्वयं क्या कर रहे हो।
यह श्लोक हमें याद रखना चाहिए-
धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः।
तस्मात् धर्मो न हन्तव्य: मानो धर्मो हतो वधीत।।
अर्थात जो धर्म की रक्षा नहीं करता धर्म भी उसकी रक्षा नहीं करता। जो धर्म की रक्षा करता है धर्म उसकी रक्षा करता है। इसलिए धर्म को नहीं मारना चाहिए अन्यथा या अवश्यम्भावी आपको भी मार डालेगा।
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