माननीयों सांसदों!!
स्वतन्त्र भारत को चाहिये-
[१]-समानता के विधान वाला ‘संविधान’,न कि ‘एक देश-दो विधान’ वाला Constitution।
[2]-राजनीति(प्रजाहित की नीति),न कि ‘फूटनीति-स्वार्थनीति-भ्रष्टनीति’,
[३]-धर्म(यतोअभ्युदय नि:श्रेयससिध्दि:स धर्म:)सापेक्षता,न कि ‘धर्मनिरपेक्षता’।
[४]-धर्मसापेक्षता,न कि ‘सेकुलरिज्म’।
[5]-पारस्परिक सौहार्ध्द,न कि ‘साम्प्रदायिक सौहार्ध्द’।
[६]-सर्वात्तम प्राचीन भारतीय संस्कृति,न कि ‘मिलीजुली संस्कृति’।
[७]-‘सर्वधर्म समभाव’ की यथार्थ व्याख्या,न कि वर्तमान विकृत व्याख्या।
[७]-योग्य प्रतिभाओं को अनिवार्य आरक्षण, न कि जाति-पन्थ’ आधारित आरक्षण।
[८]- राष्ट्रवाद,न कि ‘व्यक्तिवाद-परिवारवाद-वंशवाद-जातिवाद-……’ ।
[९]-जोड़ने की मानसिकता,न कि ‘बहुसंख्यक-अल्पसंख्यक,स्वर्ण-दलित,आदि आदि’ में तोड़ने की मानसिकता।
[१०]-भारतीयता से ओत-प्रोत अनिवार्य एकसमान शिक्षानीति,न कि वर्तमान शिक्षानीति।
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