Wednesday, February 11, 2015

मित्रों, एक बार महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती जी लाहौर में...

मित्रों, एक बार महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती जी लाहौर में प्रचार करने के लिए पहुंचे तो वहां के पाखंडी हिन्दूओं ने पंडे पुजारियों के बहकावे में आकर उन्हें रात को ठहरने के लिए जगह नहीं दी। तब एक मुसलमान ने स्वामी जी से कहा कि आप मेरे वहां पर रात को ठहर सकते हैं स्वामी जी मुस्लमान के वहां ठहर गये और दूसरे दिन सुबह जब स्वामी जी ने प्रचार किया तो उन्होंने इस्लाम का भी खंडन किया। तब वह मुसलमान हंसते हुए स्वामी जी से बोला कि स्वामी जी आपने ने तो हमें भी नहीं बख्शा। इस पर स्वामी जी बोले कि मैंने वही कहा है जो सत्य है वेदों में वर्णित है मित्रों, स्वामी जी के इस वृतांत से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें कभी भी अपने निजी स्वार्थ के लिए अपने सिद्धांतों के साथ समझौता नहीं करना चाहिए।




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