Thursday, July 2, 2015

सोरठ धरा मे सोभती आई सोनल साक्षात । म्हारा दुखड़ा दुर करो है मढ़ड़ा वाली मात ।। गढ़ बिकौण...

सोरठ धरा मे सोभती
आई सोनल साक्षात ।
म्हारा दुखड़ा दुर करो
है मढ़ड़ा वाली मात ।।

गढ़ बिकौण ऊपरे,
बैठी पंख पसार ।
करनल थारो आसरो,
तू हिज है रखवार ।।

आवङ थारी गोद में,
खेल रयो जैसांण ।
तू हिज नीँगे राखजे,
थारा टाबर जांण ||

जय मॉ करनल ।।
जय मॉ सोनल ।।

Jay maa sonal 🙏


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