Wednesday, July 8, 2015

वेदामृतम् देवो व: सविता प्रार्पयतु श्रेष्ठतमाय कर्म्मणे । (यजुर्वेद १/१) उत्तम प्रेरणा देने वाला...

वेदामृतम्

देवो व: सविता प्रार्पयतु श्रेष्ठतमाय कर्म्मणे । (यजुर्वेद १/१)

उत्तम प्रेरणा देने वाला परमात्मा तुम्हें अधिक श्रेष्ठ कर्म करने के लिए प्रेरणा प्रदान करे ।

 सुभाषितम् 

॥ स्वाध्याय ॥

यथा यथा हि पुरुष : , शास्त्रं समधिगच्छति । तथा तथा विजानाति, विज्ञानं चास्य रोचते ॥ 
(मनुस्मृति ४/२०)

जैसे - जैसे मनुष्य शास्त्र का सम्यक् प्रकार से स्वाध्याय करता जाता है, वैसे वैसे ही वह अनेक पदार्थों को विशेष रूप से जानता जाता है और उसकी विवेक युक्त ज्ञान में रुचि बढती जाती है ।

🌞 आज का पंचांग🌞

तिथि………..अष्टमी
वार…………..गुरुवार
नक्षत्र ……….रेवती
योग…………अतिगन्ड

(समय मान जयपुर का है) 
सूर्योदय ———– ५-४३
सूर्यास्त ———–१९-२०
चन्द्रोदय ———-२४-५१
चन्द्रास्त ———-१३-०१
सूर्य राशि ———-मिथुन
चन्द्र राशि———मीन

सृष्टि संवत् -१,९६,०८,५३,११६
कलियुगाब्द……………५११६
विक्रमी संवत्…………..२०७२
अयन……………..उत्तरायण
ऋतु……………………ग्रीष्म
मास पूर्णिमांत——-आषाढ 
(अधिक मास) 
विक्रमी संवत् (गुजरात)-२०७१
मास अमांत( गुजरात)…..आषाढ
पक्ष………………… कृष्ण

आंग्ल मतानुसार ९ जुलाई सन् २०१५ ईस्वी ।

आज का दिन आपके लिए मंगलमय एवं शुभ हो ।


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