एक बार ऋषि दयानन्द ने राजस्थान के उदयपुर में पाखड़ खड़नी पताका को लहराया जिस से वहाँ के पण्डे पुजारियों में हड़क्प मंच गया जिस पर वहाँ के राजा राणा सज्जन सिहँ ने ऋषि दयानन्द को कहा की आप मूर्ति पूजा का विरोध न करें मै इस के बदले एक मठ की गदी आप को सौंप दूंगा जिस की सलाना आय लगभग 5 लाख रु० है धरती पर इतनी बड़ी दौलत देने वाला आप को कोई नहीं मिलेगा
ऋषि दयानन्द ने कहा ठीक कहते हो राजन् इतनी बड़ी दौलत देने वाला कोई नहीं मिलेगा धरती पर
कान खोल कर सुन इतनी बड़ी दौलत को ठुकराने वाला दयानन्द के सिवा ओर कोई नहीं मिलेगा राजन् आप को
ऐसे थे हमारे प्रिय ऋषि
from Tumblr http://ift.tt/1B7m7b9
via IFTTT
No comments:
Post a Comment