हिंदू भागवत पुराण संबंधी प्रशन
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किसी ने हिंदू भागवत पुराण संबंधी कुछ प्रश्न किए हैं । कयोकि ये प्रशन आर्य जगत के लिए नहीं वरन पौराणिक जगत के लिए ही चुनौती हैं ।सो पौराणिक बुद्धिजीवियो को ही इनका जवाब देना चाहिए कयोकि
आर्य जगत तो भागवत पुराण ग्रंथो को मानता ही नहीं ।फिर पुराणों की कहानियों पर उठने वाले प्रश्नों के लिए पौराणिकों की ही जिम्मेदारी बनती है ।फिर भी कुछ का जवाब दे रहे है अन्य का जवाब पौराणिक लोग ही देवे |
प्रश्न निम्नलिखित हैं।?
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(1) श्रीराम ने स्वर्ण मृग को मारा।
उत्तर:-सोने का हिरण नहीं होता, वह हिरण मायावी(नकली)था अतः श्रीराम ने उसको नष्ट किया उस माया के पीछे रावण के मामा मारीच का हाथ था, अतः वो मारा गया।
(2) रावण सीता को पुष्पक विमान
.से ले गया। राम ने पुल क्यों
बनवाया? विमान से क्यों नहीं गये?
(3) हनुमान पहाड़ उठा सकते थे
तो पुल भी अकेले बना सकते
थे। वानर सेना ने क्यों पुल बनाया? हनुमान समुद्र में पहाड़ रख देते।
उत्तर:- हनुमान जी ने एक शिलाखण्ड ही उठाया था उसे बढ़ा-चढ़ाकर आपने प्रस्तुत किया। लक्ष्मण-बूटी लाने की कथा तो सही है किन्तु पूरा पर्वत उठाने की घटना झूठी है।
(4) हनुमान राम को अपने कंधे
पर ले जा सकते थे तो फिर
वानरसेना को तकलीफ क्यों दी?
उत्तर:- (2,4)
पुल बनाना आवश्यक था क्योंकि भूमि पर तो हनुमान में श्रीराम और लक्ष्मण को अपने कन्धे पर बिठाकर चलने का सामर्थ्य था किन्तु समुद्र में नहीं।
रावण ने तो पुष्पक विमान से कुछ अंगरक्षकों के साथ समुद्र पार किया था, पूरी सेना के साथ नहीं।
श्रीराम के साथ सुग्रीव की पूरी सेना थी, और अस्त्र-शस्त्र आदि अनेक सामानों को ले जाने के लिए पुल बनाना अनिवार्य था।
(5) दशरथ ने तीन विवाह क्यों
किए? सब के लिए एक विवाह
क्यों?
उत्तर:- यदि राजा दशरथ ने 3 विवाह किये थे, तो अवैदिक कृत्य किया किन्तु पुत्र श्रीराम और पूर्वज रघु, सगर, अज, दिलीप आदि सम्राटों ने तो केवल 1 विवाह किया था, उनको क्यों नहीं देखते ?
मोहम्मद ने तो 13 विवाह किये जबकि मुस्लिमों में 4 विवाह ही जायज होते हैं।
(6) शिव लिंग (Shiva’s Penis)
की पूजा हिंदू क्यों करते हैं?
किसी दूसरे अंग की क्यों नहीं?
उत्तर:- शिवलिंग की पूजा अवैदिक है। इसका आधार शिवपुराण है जो की अनार्ष ग्रन्थ है।
(7) खजुराहो आदि मंदिरों में काम
क्रीड़ा करती नग्न मूर्तियां क्यों हैं?
क्या वे हिंदुओं द्वारा पूजनीय हैं?
उत्तर:- हम तो शरीर को भी मन्दिर कहते हैं इसमें भी तो लिंग होता है तो फिर खजुराहो का मंदिर क्या चीज है? मन पवित्र ना हो तो प्रत्येक चीज ही अश्लील ही दिखती है।
नोट:-लेकिन यहा मूर्ति पूजा का समर्थन नही है
(8) नहाती हुई निर्वस्त्र गोपियों को
देखने वाला कृष्ण क्या भगवान
हो सकता है?
(9) कृष्ण गोपियों को छेड़ता था।
सभी लोग ऐसा करें तो बुरा
क्या है?
उत्तर:-(8,9)
ये घटनायें ही झूठी है क्योंकि ऐसा महाभारत में नहीं लिखा किन्तु भागवत-पुराण आदि में लिखा है जो की 800 वर्ष पूर्व बोबदेव ने लिखा था। अतः ये अप्रामाणिक है।
(10) हिंदुओं में बलात्कारियों की
संख्या अधिक क्यों है?
उत्तर:- मोहम्मद बिन कासिम से लेकर औरंगज़ेब तक सब एक से बढ़कर एक बलात्कारी हुए हैं, इतिहास ऐसे घटनाओं से भरा पड़ा है।
(11) पहले देवी देवता धरती पर
वरदान देने आते थे। अब
क्यों नहीं आते?
(12) भगवानों ने सिर्फ भारत में
ही अवतार क्यों लिया,
अमरीका में क्यों नहीं?
(13) भारतीय देवी देवताओं की
सवारियाँ भारतीय जानवर
ही क्यों हैं? कंगारू ज़िराफ
आदि क्यों नहीं?
उत्तर:- (11,12,13) जो दान करे, प्रकाश दे, सत्य-उपदेश करे उसे देवता कहते हैं।
अतः देवी-देवता तो आज भी आते जाते हैं किन्तु उनका रूप एवं वाहन वैसा नही जैसा पुराणों में वर्णित है। अतः जो विद्वान् मनुष्य है उन्हें देव कहना चाहिये।
सभी तथाकथित देवी-देवता का आलंकारिक वर्णन है। वेदों के अनुसार, परमात्मा (महादेव) एक है जो की निराकार, सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ और सर्वव्यापक है।
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नोट:- “आर्य जगत तथाकथित भागवत आदि 18 पुराणों को अनार्ष ग्रन्थ होने के कारण नहीं मानता” इन पुराण ग्रंथो मे अश्लील कथा कहानियो का इतिहास होने से यह अनार्ष ग्रंथ है,वैदिक जगत मे इनकी कोई मान्यता नही है,और आर्य जगत केवल वेद और वेदानुकूल ग्रंथो को ही मानता है |
आर्य जगत शतपथ आदि पुराणों को ही मानता है। अतः पुराणों की पुराण नाम से निन्दा नहीं होनी चाहिए।
…………….आर्य प्रीतेश
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