सृष्टि का आदि व अन्त नहीं
प्रश्न: सृष्टि का प्रारम्भ है वा नहीं ?
उत्तर: नहीं। जैसे दिन के पूर्व रात और रात के पूर्व दिन तथा दिन के पीछे रात और रात के पीछे दिन बराबर चला आता है इसी प्रकार सृष्टि के पूर्व प्रलय और प्रलय के आगे सृष्टि-चक्र अनादि काल से चला आता है। इस की आदि वा अन्त नहीं।
किन्तु जैसे दिन वा रात का प्रारम्भ और अन्त देखने मंे आता है, क्योंकि जैसे परमात्मा, जीव, जगत् का कारण ये तीनों स्वरूप से अनादि हैं, वैसे जगत् की उत्पत्ति, स्थिति और प्रलय प्रवाह से अनादि है।
जैसे परमेश्वर के गुण-कर्म-स्वभाव अनादि हैं, वैसे ही उसकी जगत् की उत्पत्ति, स्थिति, प्रलय करना भी अनादि है। जैसे कभी ईश्वर के गुण, कर्म, स्वभाव और अन्त नहीं इसी प्रकार उसके कर्त्तव्य कर्मों का भी आरम्भ और अन्त नहीं।
-महर्षि दयानन्द सरस्वती
सत्यार्थ प्रकाश के अनमोल वचन
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