Monday, December 14, 2015

आरंभ है प्रचंड बोल मस्तकों के झुंड आज जंग की घड़ी की तुम गुहार दो आन वान शान या की जान का हो दान आज...

आरंभ है प्रचंड बोल मस्तकों के झुंड
आज जंग की घड़ी की तुम गुहार दो
आन वान शान या की जान का हो दान
आज ईक धनुष के वाण पे उतार दो….!!
तन करे सो प्राण दे , मन करे सो प्राण ले
वही तो एक सर्व शक्तिमान है
विश्व की पुकार है ये भगवत का सार है
की युध्द ही तो वीर का प्रमाण है !!
कौरवों की भीड़ हो या पांडवो की नीड़ हौ
जो लड़ सका है वो ही तो महान है
जीत की हवस नहीं किसी पे कोई वस नहीं
क्या जिंदगी है ठोकरों में वार दो..!!
मौत अंत है नहीं तौ मौत से भी क्यों डरें
ये जाके आसमान में दहाड़ दो….
हो दया का भाव या की शोर्य का चुनाव
या की हार का वो घाव तुम ये सोच लो
या की दूर भाल पर चला रहे विजय का लाल
ये गुलाल तुम ये सोच लो
रंग केशरी हो या मृदंग केशरी हो
या केसरी हो काल तुम ये सोच लो …!!

जिस कबी की कल्पना में जिन्दगी हो प्रेम की
उस कबी को आज तुम नकार दो..
भीगती नसों में आज फूलती रगों में
आज आग की लपट का तुम बघार दो..!!
आरंभ है प्रचंड बोल मस्तकों के झुंड
आज जंग की घड़ी की तुम गुहार दो
आन वान शान या की जान का हो दान
आज ईक धनुष के वाण पे उतार दो….!!
🚩संजयकुमार वन्देमातरम्🔥9414761987💫


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