Monday, December 29, 2014

1- खुदा तख्त पर बैठता है, तो तख्त जरूर खुदा से बड़ाहोगा और यदि खुदा बड़ा होगा तो जरूर इधर-उधरलटकता...

1- खुदा तख्त पर बैठता है, तो तख्त जरूर खुदा से बड़ाहोगा और यदि खुदा बड़ा होगा तो जरूर इधर-उधरलटकता रहेगा। बतावेँ तख्त बड़ा या खुदा?(सूरा फुरकान आयत 59)2- अल्लाह से पत्थर भी डरते हैँ। शैतान जिसमेँअल्लाह नेखुद जान डाली थी वो तो बेचारे अल्लाह सेडरता नहीँ है तोबेजान पत्थर को डरा हुआबताना कैसी अक्लमंदी है?(सूरा बकर आयत 74)3- अल्लाह ने सात आसमान बनाये हैँ, इस बात को साबित करकेदिखाओऔर आसमान बनाने के वक्त अल्लाह किस मकान मेँ रहता था?(सूरा बकर आयत 29)मुसलमानोँ से पहले किस किस पर रोजा फर्ज किया गया थाइसका उत्तर देँ, क्योँकि रोजा रखने की आज्ञा कुरान सेपहले की किसीखुदाई किताब मेँ नहीँ है। तो क्योँ अल्लाहकी इस बात को झूठामाना जाये? (सूरा बकर आयत 183)5- अपनी बीवियोँ के संग पीछेसे सभोँग करने आज्ञा देकर खुदा नेकौन सी शराफत दिखाई है? (सूरा बकर आयत 223)6- झूठी कसमेँ खाने की छूट जब अल्लाहखुद ही देने लगे तो भला ऐसेखुदा और उसके बन्दो पर कौन भरोसा करेगा?(सूरा बकर आयत 225)7- खुदा 70 हाथ की जंजीर से काफिरको क्योँ बांधेगा? क्या बिना पकड़ के खड़ा हुआ काफिर अल्लाह परभारी पड़ सकता है? और ये जजीँर बनानेका ठेका खुदा ने किसअरबी कम्पनीँ को दिया है?(सूरा हाक्का आयत 32)8- अरबी खुदा की नीयत बदयानि बुरी है, वो मनुष्योँ का भला नहीँ चाहताथा। यदि चाहता तो लोगो को पाप करने की छूट क्योँ देता?(सुरा इमरान आयत 178)9- खुदा ने कुरान मेँ सगे भाई बहनोँ के निकाह को हराम बताया हैजबकि ये हरामखेरी वो खुद आदम औरहव्वा की औलादोँ के वक्त जायज करार दे चुकाथा? जिसका विधान ही अटल नहीँ है उसकेकहे पर कैसे भरोसा किया जाये?(सूरा निसा आयत 23)10- खुदा सच्चा है या धोखेबाज है? तय करके बतायेँ।(सूरा निसा आयत 122, और 142)11- इंजील के अनुसार ईसा को सूली परलटकाया गया था, और कुरान मेँ खुदा ने इसका खण्डन कर दिया? कुरानने इंजील को खुदाई किताब माना है, अबअपनी ही बातकी धज्जियाँ खुदा ने क्योँ उड़ाई? (सूरा निसा आयत 157)12- जब अल्लाह ही सबको भटकाता है तब मुसलमानदूसरो को काफिर क्योँ कहते हैँ? सबसे बड़ा काफिरतो खुदा ही है (सूरा अनआम आयत 39)13- कुरानको पुरानी किताबोँ की तफसीलबताकर खुदा ने कुरान का दर्जागिरा दिया है और इससे पुरानी किताब का महत्व बढ़जाता है?(सूरा युनुस आयत 37)14- जब कुरान अरबी मेँ उतारा गया तब इसे अरब केबाहर सारी दुनिया परछल, और तलवार के बल पर थोपना सरासर गलत है औरकिसी गैर-अरबीको इसे कत्तई न मानना चाहिए।(सूरा युसूफ आयत 2)15- जन्नत मेँ सिर्फ दो टाईम खाना ही क्योँ मिलेगा?अगर किसी मोमिन को तीसरे टाईम भूख लगगई थी तो क्या वो भूख से रोता रहेगा या शराबपीकर पेट भरेगा?(सूरा मरियम आयत 62) — जय हिंदूराष्ट्र , हिंदूओ एक हो जाँओ मक्केश्वर शीव बूला रहे है ।




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