Monday, December 22, 2014

शिशु सुनिर्माण के सूत्र (51) आज का युग प्रतियोगिताओं का युग है। दूरदर्शन पर कौन बनेगा...

शिशु सुनिर्माण के सूत्र

(51)

आज का युग प्रतियोगिताओं का युग है।

दूरदर्शन पर कौन बनेगा करोड़पति,

अन्ताक्षरी, कमजोर कड़ी कौन, खुल

जा सिम सिम, जैसे सूचनात्मक, वाहियात,

व्यावसायिक उद्देश्य से निर्मित, पर रोचक

कार्यक्रमों की भरमार है। इन

कार्यक्रमों का प्रतीकार आवश्यक है पर

विरोध अनावश्यक है। इनका प्रतीकार स्वस्थ

प्रतियोगिताओं की छोटे छोटे आयोजनों से

किया जा सकता है। उदात्त वाक्य

प्रतियोगिता बच्चों की इस प्रकार

की रखी जा सकती है

कि जो बच्चा सर्वाधिक उत्तम उदात्त

वाक्य कहेगा या लिखेगा उसे पुरस्कार

दिया जाएगा। गीता श्लोक याद करना,

सर्वधर्म सम उदात्त वाक्य याद करना, एक

सांस जाप करना, या दीर्घकाल शरीर

को एक ही स्थिति रखने रूप तप

प्रतियोगिता जिसका स्वरूप एक पैर पर खड़े

रहना हो सकता है, कागज के खिलौने

बनाना, पत्तों की संख्या या लाइन

की लम्बाई, या पुस्तक के पेज

आदि का अन्दाज लगाना,

आदि आदि अनेकानेक स्वथ प्रतियोगिताएं

रखकर बच्चों को स्वस्थ प्रोत्साहित करते

उसके व्यक्तित्व का सुविकास करना चाहिए।

(साभार स्व.डॉ.त्रिलोकीनाथ

जी क्षत्रिय)




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