Friday, December 26, 2014

"परिवार" से बड़ा कोई "धन" नहीं! “पिता” से बड़ा कोई “सलाहकार”...

"परिवार" से बड़ा कोई "धन" नहीं!

“पिता” से बड़ा कोई “सलाहकार” नहीं!

“माँ” की छाव से बड़ी कोई “दुनिया” नहीं!

“भाई” से अच्छा कोई “भागीदार” नहीं!

“बहन” से बड़ा कोई “शुभचिंतक” नहीं!

“पत्नी” से बड़ा कोई “दोस्त” नहीं

इसलिए

“परिवार” के बिना “जीवन” नहीं!!!


शुभ दिवस🙏ईश्वर 🙏आपका कल्याण करें ।

।।

आचार्य योगेन्द्र शास्त्री निर्मोही




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