Wednesday, December 31, 2014

गामडा नो गुणाकार. गामडा मा वस्ती नानी होय घरे घरे ज्ञानी होय आंगणीये आवकारो होय महेमानो नो मारो...

गामडा नो गुणाकार.

गामडा मा वस्ती नानी होय

घरे घरे ज्ञानी होय

आंगणीये आवकारो होय

महेमानो नो मारो होय.

गाम मा चा पीवा नो घारो होय

वहेवार ऐनो सारो होय

राम राम नो रणकार होय

जमाडवानो पडकारो होय.

सत्संग मंडली जामी होय

बेसो तो सवार सामी होय.

ज्ञान नी वातो बहु नामी होय

जाणे स्वर्ग नी खामी होय.

वहु ने सासु गमता होय

भेला बेसी जमता होय.

बोलवामा समता होय

भुल थाय तो नमता होय.

छोकरा खोला मा रमता होय

आवी मा नी ममता होय.

गईढ्या छोकराव ने समजावता होय

चोरे बेसी रमडता होय.

साची दीशा ऐ वालता होय

बापा ना बोल सौ पालता होय.

भले आंखे ओछु भालता होय

तोय गईढ्या गाडा वालता होय.

नीती नीयम ना शुघ्घ होय

आवा घरडा घर मा वृघ्घ होय.

मागे पाणी त्या हाजर दुघ होय

मानो तो भगवान बुघ्घ होय.

भजन कीर्तन थाता होय

परबे पाणी पाता होय.

महेनत करी ने खाता होय

पांच मा पुछाता होय.

देव जेवा दाता होय

भक्ती रंगे रंगाता होय.

प्रभु ना गुण गाता होय

अंघश्रघ्घा न मानता होय.

घी दुघ बारे मास होय

मीठी मघुर छास होय.

रमजट बोलता रास होय

वाणी मा मीठाश होय.

पुन्य तणो प्रकाश होय

त्या नक्की गुरुदेव नो वास होय.

काचा पाका मकान होय

ऐ माय ऐक दुकान होय.

ग्राहको ने मान होय

जाणे मलीया भगवान होय.

संस्कृती नी शान होय

त्या सुखी ऐना संतान होय.

ऐक ओसरीये रूम चाय होय

सौनु भेलु जमणवार होय.

अतीथी ने आवकार होय

खुल्ला घर ना द्वार होय.

कुवा कांठे आरो होय

नदी केरो कीनारो होय.

वहु दीकरी नो वरतारो होय

घणी प्राण थी प्रारो होय.

कानो भले ने कालो होय

ऐनी राघा ने मन रूपालो होय.

वाणी साथे वर्तन होय

मोटा सौना मन होय.

हरीयाला वन होय

सुंगघी पवन होय.

गामडु नानु वतन होय

त्या जोगमाया नु जतन होय.

मानवी मोती ना रतन होय

पाप नु त्या पतन होय.

शीतल वायु वातो होय

जाडवे जई अथडातो होय.

मोर ते दी मलकातो होय

घरती पुत्र हरखातो होय.

गामडा नो महीमा गातो होय

ऐनी रूडी कलमे लखातो होय.


भाई भाई.




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