Wednesday, April 29, 2015

ईश्वर सर्वशक्तिमान है-इसका यह अर्थ नहीं कि ईश्वर कुछ भी कर सकता है - *क्या ईश्वर अपने को मार दूसरा...

ईश्वर सर्वशक्तिमान है-इसका यह अर्थ नहीं कि ईश्वर कुछ भी कर सकता है -

*क्या ईश्वर अपने को मार दूसरा ईश्वर अथवा अनेक ईश्वर बना सकता है ? 
*क्या ईश्वर छल कपट अन्याय अत्याचार पक्षपात कर सकता है ?
*क्या ईश्वर अजर अमर आत्माओ और परमाणुओं को बना सकता है ?( ईश्वर,जीव और प्रकृति तीन वस्तुएं अनादि हैं )
*क्या ईश्वर अजन्मा सर्वव्यापक होते हुए सिकुड कर किसी गर्भ में आ सकता है ?
*क्या ईश्वर अपनी प्रजा को हिन्दु,मुस्लिम,सिक्ख,ईसाई,जैन,बौद्ध आदि वर्गों में बांट सकता है ?
*क्या ईश्वर अपना ज्ञान पुराण,कुराण,बाईबल आदि के रूप में भिन्न भिन्न प्रकार का दे सकता है ?(ईश्वर का ज्ञान सदैव अखण्ड एक रस और सृष्टि के आदि में होता है )
*क्या ईश्वर अपने ही बनाए सृष्टि नियमों को तोड सकता है ?

नहीं ,यह सब ईश्वर नहीं कर सकता| ईश्वर सर्वशक्तिमान का वास्तविक अर्थ है कि वह सृष्टि की उत्पति पालन संहार करने,कर्मफल देने,वेदज्ञान देने में पूर्णतया सक्षम है इन सब दिव्य कर्म करने में उसे किसी की सहायता की आवश्यकता नहीं है|जो ईश्वर बिना हाथ पैर के सूर्य चांद तारे बना सकता है क्या रावण व कंस आदि दुष्टों को मारने के लिए जन्म लेना पडेगा ?? सर्वशक्तिमान का यह अर्थ कदापि नहीं कि वह जन्म ले सकता है,पत्थर की गाय से दूध निकाल सकता है,बिना बादलों के वर्षा कर सकता है…आदि आदि…


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