Monday, April 6, 2015

ॐ ईश्वर के समस्त नामों में श्रेष्ठ है वह सीधा ईश्वर का वाचक है! शेष नाम विशेषण हैं,जैसे मैं विक्रांत...

ॐ ईश्वर के समस्त नामों में श्रेष्ठ है वह सीधा ईश्वर का वाचक है!

शेष नाम विशेषण हैं,जैसे मैं विक्रांत हूँ और और योगी भी और भी कई कार्य हैं मेरे सो मेरा निज नाम तो विक्रांत है और शेष मेरे गुण कर्म स्वभाव हैं। यदि मुझे कोई योगी कहता है तो उसने मेरे एक गुण कर्म वाले व्यक्तित्व को पुकारा यदि वह विक्रांत पुकारता है तो वो मुझे बुलाता है,परन्तु इससे मेरी कोई विशेषता प्रकट नही होती।

ठीक वैसे ही ईश्वर का निजी नाम ॐ है और अशोक शिव योगी परमहंस आदि उसके विशेष्निक नाम हैं।

ॐ तो उसके निजी व्यक्तित्व को बुलाता है और शिव उसका विशेषण है,नमः प्रणाम के लिए है।

शिव का अर्थ है कल्याणकारी।

ऐसे ही उनके अनंत नाम हैं जिनसे हमें उसके गुण कर्म स्वभाव का ज्ञान होता है या यूँ कहें के उनकी महिमा और कार्यों का पता चलता है,के कितने उपकार किये हैं उसने हम जीवो पर।

हम उसका ऋण कभी नही चुका सकते,मैं आत्मा से उस शिव को झुककर प्रणाम करता हूँ। अष्टांगयोगनिष्ठ विक्रांत। fb। पर vikrantarya52@Gmail.com




from Tumblr http://ift.tt/1GhhPSb

via IFTTT

No comments:

Post a Comment