Wednesday, August 24, 2016

महर्षि दयानंद सरस्वती के जीवन का प्रेरक प्रसंग… एक दिन मथुरा का एक व्यक्ति चौबे महर्षि दयानंद...

महर्षि दयानंद सरस्वती के जीवन का प्रेरक प्रसंग…
एक दिन मथुरा का एक व्यक्ति चौबे महर्षि दयानंद सरस्वती जी के पास आया और ‘जय-जय राधाकृष्ण’ कह कर बैठ गया । फिर उसने थोड़ी सी मिट्टी उन्हें देनी चाही । उन्होने पूछा यह कैसी मिट्टी है।तो उसने कहा कि यह मिट्टी श्री कृष्ण जी ने खाई थी ।
महर्षि दयानंद सरस्वती जी ने कहा की खाई होगी - बच्चे मिट्टी खाया ही करते है, परंतु बड़े आयु के मनुष्यों को तो मिट्टी खाना योग्य नहीं ।
फिर महर्षि ने उससे कहा कि तुम्हारे स्त्री सुरूपा और चतुर है ।
इस पर वह चौबे क्रोध करने लगा।
तो महर्षि जी ने उससे कहा कि तुम छोटी स्थिति के मनुष्य हो । तुमने इस बात पर कितना बुरा माना, यदि तुम श्री कृष्ण जी से कहते कि आप परस्त्री - गमन करते है और आप की गोपियां कैसी सुंदर है, तो वह तुम्हारे साथ क्या बर्ताव करते ।
यह सुनकर वह बहुत लज्जित हुआ और उठ कर चला गया…
हिन्दू समाज ने श्री कृष्ण सरीखे महापुरुष पर परस्त्री गमन का न केवल दोष लगाया अपितु राधावल्लभ, गोपिरमन जैसे नाम देकर उन्हें अपमानित भी किया है।
सत्य यह है कि श्रीकृष्ण जी की केवल
एक पत्नी थी वह थी माता रुक्मणी…


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