Wednesday, September 14, 2016

[9/14, 07:35] Swami Santanad: हर व्यक्ति के जीवन में अपने इष्ट जनों से मिलन व वियोग दोनों घटनायें...

[9/14, 07:35] Swami Santanad: हर व्यक्ति के जीवन में अपने इष्ट जनों से मिलन व वियोग दोनों घटनायें घटित होती हैं दोनों में सम रहना चाहिए न हर्ष न शोक यही तो योग का सार है हर काम करते हुए ईश्वर का स्मरण बना रहे निष्कामता बनी रहे राग द्वेष रहित होकर सबके प्रति दया करूणा प्रेम सहयोग व परोपकार की भावना हो तथा ईश्वर ही दिनचर्या में प्रमुख हो ईश्वर की ओर बढ़ना बढाना ही जीवन का उद्देश्य हो तो आनंद ही आनंद मिलता रहेगा
[9/14, 08:16] Swami Santanad: 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺त्रयमेकत्र संयमः ||~~योगदर्शन~विभूति पाद~सूत्र~४~~~~~~~~~~~पद्यार्थ~~~~~~~~~~योग शास्त्र का अपना दर्शन, संयम को परिभाषित करता| धारणा, ध्यान, समाधि त्रैत को, एक समय में एक विषय में करने कहता| आओ हम सब ईश विषय में, संयम का अभ्यास करें| तीनों की हो विमल कुशलता, प्रज्ञा हेतु प्रकाश भरें||👏


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