Tuesday, September 22, 2015

ओउम् भूपेश आर्य~८९५४५७२४९१ महे चन त्वामद्रिव: परा शुल्काय देयाम्। न सहस्राय नायुताये वज्रिवो न...

ओउम् भूपेश आर्य~८९५४५७२४९१ महे चन त्वामद्रिव: परा शुल्काय देयाम्। न सहस्राय नायुताये वज्रिवो न शताय शतामघ ।। ऋग्वेद ८/१/५ हे अविनाशी परमात्मन! बडे से बडे मूल्य व आर्थिक लाभ के लिए भी मैं कभी तेरा परित्याग न करुं। हे शक्तिशालिन् ! हे ऐश्वर्यों के स्वामिन्! मैं तुझे सहस्र के लिए भी न त्यागूँ,दस सहस्र के लिए भी न बेचूं और अपरिमित धन राशि के लिए भी तेरा त्याग न करुँ।


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