Tuesday, September 22, 2015

ओउम् भूपेश आर्य जिस जीवन में प्रभु के लिए प्यार नहीं,वह जीवन तो व्यर्थ ही है- यस्तन्न वेद किम्रचा...

ओउम् भूपेश आर्य जिस जीवन में प्रभु के लिए प्यार नहीं,वह जीवन तो व्यर्थ ही है- यस्तन्न वेद किम्रचा करिष्यति ।।-ऋग्वेद १/१६४/३९ अर्थ-जो परमात्मा को नहीं जानता वह ऋग्वेद से भी क्या फल प्राप्त करेगा?


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