Wednesday, November 18, 2015

बीजेपी आरएसएस हिन्दू संगठनो को छोड़ किसी ने दुःख प्रकट नही किया।। - अशोक सिंघल…एक इंजीनियर,...

बीजेपी आरएसएस हिन्दू संगठनो को छोड़ किसी ने दुःख प्रकट नही किया।। -
अशोक सिंघल…एक इंजीनियर, जो बन गया हिंदुत्व का सबसे बड़ा चेहरा !!

विश्व हिंदू परिषद के संस्थापक अशोक सिंघल का आज निधन हो गया। अशोक सिंघल ही वो शख्सियत थे, जिन्होंने देश और विदेश में विश्व हिंदू परिषद को एक नई पहचान दिलाई। विश्व हिंदू परिषद में एक समय ऐसा आया कि संघ से प्रचारक के बाद वीएचपी में बतौर महासचिव आए अशोक सिंघल वीएचपी की पहचान बन गए।

अशोक सिंघल का जन्म 15 सितंबर 1926 को आगरा में हुआ था और उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की, लेकिन अपने ग्रेजुएशन के समय ही सिंघल आरएसएस के संपर्क में आए और फिर प्रचारक बन गए। प्रचारक रहते हुए उन्होंने कई प्रदेशों में संघ के लिए काम किया।

1948 में संघ पर प्रतिबंध लगा, तो अशोक सिंघल सत्याग्रह कर जेल गए। प्रचारक जीवन में लंबे समय तक वो कानपुर रहे। 1975 से 1977 तक देश में आपातकाल और संघ पर प्रतिबंध रहा। इस दौरान अशोक इंदिरा गांधी के विरुद्ध हुए संघर्ष में लोगों को जुटाते रहे। आपातकाल के बाद वो दिल्ली के प्रांत प्रचारक बनाए गए। 1981 में उन्हें विश्व हिंदू परिषद में भेज दिया गया।

समाज में दलितों के साथ तिरस्कार की भावना और उसके चलते हो रहे धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए भी अशोक सिंघल ने अहम भूमिका निभाई। अशोक सिंघल की पहल से ही दलितों के लिए अलग से 200 मंदिर बनाए गए और उन्हें हिंदू होने की अहमियत समझाई गई। देश में हिंदुत्व को फिर से मजबूत और एकजुट करने के लिए 1984 में धर्मसंसद के आयोजन में अशोक सिंघल ने ही मुख्य भूमिका निभाई थी और इसी धर्म संसद में साधु संतों की बैठक के बाद राम जन्म आंदोलन की नींव पड़ी थी।
जब-जब राम मंदिर आंदोलन की बात होगी तब तब वीएचपी के संरक्षक अशोक सिंघल का नाम भी आएगा। राम मंदिर आंदोलन को भले ही बीजेपी के बड़े नेताओं से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन असल में अशोक सिंघल के प्रयास के चलते ही राम मंदिर आंदो�


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