Friday, November 20, 2015

है भूमण्डल में भारत देश महान।। (~भारत चालीसा या ।। गौरव-गान।। आर्य कवि पंडित जगदीशचन्द्र...

है भूमण्डल में भारत देश महान।।
(~भारत चालीसा या ।। गौरव-गान।।
आर्य कवि पंडित जगदीशचन्द्र ”प्रवासी“)

10-बालगण

जिनके नन्हें मुन्हें बालक भी जग में रणधीर हुए।

ध्रुव, प्रहलाद, श्रवण, लव, कुश, अभिमन्यु, रोहित वीर हुए।।

जिनके सर से रण में पैदा पावक, नीर, समीर हुए।

महारथी भी जिनके आगे भागे और अधीर हुए।।

मात गर्भ में ही सुन महिमा चक्रव्यूह वर-वीर हुए।

बालक होकर भी जो इतने धीर, वीर गम्भीर हुए।।

सनक, सनन्दन, संत, सनातन, नचीकेता मति-धीर हुए।

पूतना को जिसने मारा, वह भी शिशु यदुवीर हुए।।

बाल समय में ही बजरंगी, पद पाया हनुमान।

है भूमण्डल में भारत देश महान।।

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