Tuesday, May 12, 2015

क्या हम अपना नाम भी भूल गये ?? भाग ७ 📝धर्म प्रकाश आर्य(9204411229) इस से पहले के भागों में हिन्दू...

क्या हम अपना नाम भी भूल गये ??
भाग ७
📝धर्म प्रकाश आर्य(9204411229)
इस से पहले के भागों में हिन्दू शब्द के सिद्धी मे जो प्रमाण तथाकथित मानसिक गुलामी के शिकार हिन्दू द्वारा दिया जाता है उस पर तर्क व प्रमाण के साथ विचार किया गया और हम ने पाया कि “हिन्दू” शब्द हमारी भाषा व संस्कृति की नही है बल्कि विदेशियों द्वारा दिया गया जिसे हम भारतीय अपने सर पे चिपका लिया .
इस भाग मे मै हिन्दू शब्द के वास्तविक अर्थ को विभिन्न प्रमाणो के साथ रखेंगे….

👉हिन्दू दर मुहावरा फारसियां ब मअने दुज़दो रहज़नों ग़ुलाम मे आयद।
अर्थ - हिन्दू शब्द फ़ारसी भाषा के अनुसार
चोर,
डाकू,
रहजन (मार्ग का लुटेरा)
और
ग़ुलाम (दास, बंदी)
के अर्थो में आता है
सन्दर्भ - ग़यास - ग़यास नामी कोष
👉हिन्दू बकसर ग़ुलाम व बन्दह, काफ़िर व तेरा।
अर्थ : हिन्दू का अर्थ ग़ुलाम, कैदी, काफ़िर और तलवार है।
सन्दर्भ - कशफ - कशफ नामी कोष
👉चे हिन्दू हिंदुए काफ़िर चे काफ़िर, काफ़िर रहजन। 
चे रहज़न रहज़ने ईमान
अर्थ :
हिन्दू क्या है ?
हिन्दू काफ़िर है।
काफ़िर क्या है ?
काफ़िर रहज़न है।
रहज़न क्या है ?
रहज़न ईमान पर डाका मारने वाला है।
(सन्दर्भ - चमन बेनज़ीर)
👉 अरबी शब्द कोष करिमुल्लोगात , फारसी शब्द कोष -गयासुल्लोगत, - उर्दू शब्द कोष, फिरोजुल्लोगात - लोगात फिरोजी = अदि में हिन्दू के अर्थ चोर, लुच्चा, लफंगा, शराबी, कवावी, दगाबाज, बदमाश , कालाकाफिर, आदि लिखा हुआ है.
👉 फारसी डिक्सनरी ‘लुघत-ए-किश्वरी’ जो कि लखनऊ मे 1964 मे प्रकाशित किया गया था, के अनुसार हिन्दू शब्द का अर्थ चोर, डाकू, राहजन और गुलाम है.
इसके अलावा दूसरी डिक्सनरी 'ऊई-फिरोज-ऊल-लघात’ भाग १ (पेज ६१५) मे हिन्दू शब्द का अर्थ इस प्रकार है…
तुर्किस मे - चोर, राहजन,लुटेरा.
पारसी मे - गुलाम,बारदा(आज्ञाकारी नोकर), सियाफाम(काला रंग) और काला.
👉फारसी साहित्य मे बहुत जगह “हिन्दू-ए-फलक” शब्द का प्रयोग हुआ है जिसका अर्थ आकाश का अंधेरा या शनिग्रह होता है.
और सबसे बड़ा प्रमाण ये है कि हमारे देश के ८वीं सदी से पहले पहले के किसी भी साहित्य मे हमलोगो के लिए हिन्दू शब्द प्रयोग नही हुआ है. लेकिन प्रमाणो से क्या , हिन्दू तो कसम खा लिया है सत्य को नही जानने की .
मै अगले भाग और भी प्रमाण लेकर आऊंगा .आपने पढ़ा इसके लिए धन्यवाद और निवेदन है कि शेयर करके दूसरो को भी पढ़ने व सत्य को जानने का मौका प्रदान करें !
क्रमश :


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