Tuesday, May 12, 2015

निकट भविष्य में विधर्मियों का समूल नाश निश्चित है परन्तु हमें परस्पर प्रेम व एकता को सदृढ करना...

निकट भविष्य में विधर्मियों का समूल नाश निश्चित है परन्तु हमें परस्पर प्रेम व एकता को सदृढ करना होगा,वेद ही हम भारतीयों को एक सूत्र में बांध सकते हैं| साकार निराकार आदि को लेकर हमारे बीच कितने भी मतभेद हों परन्तु मनभेद न हों,परस्पर द्वेष लेशमात्र भी न हो…तभी हम एकजुट होकर मुल्लों पादरियों को सबक सिखा सकते हैं |


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