Thursday, May 7, 2015

ओ३म् जिसका नाम है, और जो कभी नष्ट नहीं होता, उसी की उपासना करनी योग्य है अन्य की नहीं। सब वेदादि...

ओ३म् जिसका नाम है, और जो कभी नष्ट नहीं होता, उसी की उपासना करनी योग्य है अन्य की नहीं। सब वेदादि शास्त्रों में परमेश्वर का प्रधान और निज नाम ॐ को कहा है, अन्य सब गौणिक नाम हैं। सब वेद, सब धर्मानुष्ठानरूप तपश्चरण जिसका कथन और मान्य करते और जिसकी प्राप्ति की इच्छा करके ब्रह्मचर्याश्रम करते हैं उसका नाम ओsम् है। (~महर्षि दयानन्द सरस्वती)


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