Thursday, May 14, 2015

विदुरजी ने विद्यार्थिओं के आठ दोष गिनाए हैं आलस्यं मदमोहौ च चापलं गोष्ठीरेव चा । स्तब्धता...

विदुरजी ने विद्यार्थिओं के आठ दोष गिनाए हैं

आलस्यं मदमोहौ च चापलं गोष्ठीरेव चा ।
स्तब्धता चाभिमानित्वं तथात्यागित्वमेव च ।
एते वा अष्ट दोषा: स्यु: सदा विद्यार्थीनं मता: । ।

अर्थ -
आलस्य, मद,मोह,चपलता, व्यर्थ की बातें कहना व सुनना, पढते पढते रूक जाना, अभिमानी,और अत्यागी होना ।ये आठ दोष विद्यार्थिओं मे होते हैं

विद्यार्थी को अंग्रेजी में student कहते हैं जिसका अर्थ इस तरह है ।

S- Studious- खूब पढने वाला
T- truthful- सत्यवादी
U- unique - अद्वितीय
D-diligent - उद्योगी, परिश्रमी
E- enthusiastic -उत्साही
N- noble - आर्य -श्रेष्ठ
T- thoughtful - विचारशील ।

जिसमे ये सात गुण है, वही वस्तुतः विद्यार्थी है
इन गुणों को जीवन मे धारण करके सच्चे विद्यार्थी बनो ।


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