Friday, October 30, 2015

ऋषि दयानन्द जी ने 10 अध्याय ज्ञान चर्चा में और केवल 4 अध्याय खण्डन में लिखा है। हमें भी मुख्यतः...

ऋषि दयानन्द जी ने 10 अध्याय ज्ञान चर्चा में और केवल 4 अध्याय खण्डन में लिखा है। हमें भी मुख्यतः ज्ञान चर्चा पर केंद्रित रहना चाहिए।

किन्तु अधिकतर आर्य मुख्यतः खण्डन पर केन्द्रित रहते हैं।

माता चाहे जड पूजक ही क्यों न हो, आप उसकी आलोचना करके उसका अपमान नहीं कर सकते। आप Theoretical knowledge प्राप्तकर स्वयं को विद्वान् और माता को मूर्ख मानने की भूल नही कर सकते। 🙏ं


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