Saturday, October 31, 2015

आज का सुविचार (1 नवम्बर 2015, रविवार, कार्तिक कृष्ण ६) पाप-विद्धम्’ व्यवस्था घोर अक्षम है।...

आज का सुविचार (1 नवम्बर 2015, रविवार, कार्तिक कृष्ण ६)

पाप-विद्धम्’ व्यवस्था घोर अक्षम है। `पाप-विद्धम्’ व्यक्ति भी अक्षम है। आज दुःखद तथ्य है कि सेमीनार, मन्दिर, मसजिद, गिरजे, दुर्गोत्सव, दशहरा उत्सव आदि व्यवस्था को `पाप-विद्धम्’ कर अक्षम करते हैं। इन सबमें ठेकेदारों से लिया `पाप’ पैसा लगता है- भिलाईनगर इसका जीता-जागता फलता-फूलता उदाहरण है। इसकी सारी पार्टियां विदाई से लेकर सारे धर्म संस्थान तथा सारे ठेकेदार संस्थान उत्तरोत्तर `पाप-विद्धम्’ व्यक्तिगत एवं सरकारी के ज्वलंत तथा जीते-जागते यथार्थ हैं। मैं जीता-जागता गवाह हूं कि इस व्यवस्था का सर्वाधिक सक्षम समझे जाने वाले वास्तविक अक्षम व्यक्ति सर्वाधिक `पाप-विद्ध’ हैं। तथा वह जिन्दा है ही नहीं, उनके भेष में दवाइयां, अंधविश्वास महा जिन्दे हैं। तुम अपनी क्षमता बचाना चाहते हो तो `अपाप-विद्धम्’ रहो। (~स्व.डॉ.त्रिलोकीनाथ जी क्षत्रिय)


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