Friday, October 23, 2015

थोडा कट्टर होना सीख ले शांति की मत भीख ले ! जीना चाहता यदि तू हिंदू अपना बदले की लीख ले!! अहिंसा...

थोडा कट्टर होना सीख ले
शांति की मत भीख ले !
जीना चाहता यदि तू हिंदू
अपना बदले की लीख ले!!
अहिंसा संग हिंसा का जोडा
हिंसा को तू समझ मत रोडा!
जीना चाहता यदि तू हिंदू
बदला लेना जान ले थोडा !!
विधर्मी सब दुश्मन हैं तेरे
एक नहीं चहुंदिशा बहुतेरे!
स्वयं की यदि रक्षा करनी है
पहचान कौन दुश्मन ;चितेरे!!
कानून हो चाहे हो संविधान
कोई न तेरा कर ले पहचान!
वोट के भूक्खड सब नेता यहां
हिंदू विरोध की पकडे हैं कमान!!
तेरे मूल्यों का कोई न मोल
तेरे साथ में न कोई है बोल!
हर कोई तेरा उपहास करता
हर परंपरा का उडाता मखौल!!
फिर भी हिंदु तू सोता है
अपने विऩाश के बीज बोता है!
अपने -पराए को नहीं पहचाना
मत कहना फिर क्यों रोता है!!
समय रहते तू हिंदू जाग ले
अपने धर्म की रक्षा में भाग ले!
वरना इस धरा से मिट जाऐगा
मत अपने सिर तू यह दाग ले!!
अपने पौरुष को पहचान हिंदू
सनातन संस्कृति को जान हिंदु!
आर्य वैदिक तेरा होना शाश्वत
सबसे बलशाली महान तू हिंदु!!
समस्त धरा पर तेरा राज था
सबसे समृद्ध तेरा समाज था!
कायरता सैक्युलर छोड महामारी
याद कर जो विश्व प्रसिद्ध अंदाज था!!
रक्षात्मक नहीं आक्रामक तू बन
स्वरक्षा का बस यही सुनो धन!
राक्षसी शक्तियां विनाश को तत्पर
केरल हो चाहे वाशिंगटन; लंदन!!
संजय कुमार वंदेमातरम्


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